Sarswati Chalisa Lyrics in Hindi – श्री सरस्वती चालीसा
दोहा जनक जननि पद कमल रज,निज मस्तक पर धारि ।बन्दौं मातु सरस्वती, बुद्धि बल दे दातारि ॥ पूर्ण जगत में व्याप्त तव, महिमा अमित अनंतु ।रामसागर के पाप को, मातु तुही अब हन्तु ॥ चौपाई जय श्री सकल बुद्धि बलरासी ।जय सर्वज्ञ अमर अविनासी ॥ जय जय जय वीणाकर धारी ।करती सदा सुहंस सवारी ॥ … Read more